shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्।
अर्थ- पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है।
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
इनमें से सोमवार को भगवान शिव की पूजा में क्या चढ़ाना शुभ होता है?
अर्थ- हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।
हरं सर्पहारं चिता भूविहारं भवं वेदसारं सदा निर्विकारम् ।
स पुत्रं धनं धान्यमित्रं कलत्रं विचित्रं समासाद्य मोक्षं प्रयाति ॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
कर website त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
अर्थ- हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥